
रासायनिक अभिक्रिया का वेग – रासायनिक अभिक्रिया में क्रिया कारक तथा उत्पादों की सांद्रता में इकाई समय में होने वाले परिवर्तन को रासायनिक अभिक्रिया का वेग कहते हैं। अथवा
अभिकारकों की सांद्रता में परिवर्तन की दर अथवा उत्पादों की सांद्रता में परिवर्तन की दर को अभिक्रिया का वेग कहते हैं।
अथवा
इकाई समय में अभिकारकों अथवा उत्पादों की सांद्रता में होने वाले परिवर्तन को अभिक्रिया का वेग कहते हैं।
उपरोक्त ग्राफ से स्पष्ट है कि अभिक्रिया का वेग प्रारंभ में तीव्रता से फिर धीमी गति से तथा अंत में अत्यधिक धीमी गति से घटता है तथा कभी भी शून्य नहीं होता है अर्थात अभिक्रिया को पूर्ण होने में अनंत समय लगेगा अभिक्रिया वेग को तीन रूपों से विभक्त किया जाता है।
1.औसत वेग 2.तात्क्षणिक वेग 3. प्रारंभिक वेग
1.औसत वेग – यदि t1 समय पर अभिकारकों की सांद्रता R1 और उत्पादों की सांद्रता P1 हो और t2 समय पर अभिकारकों की सांद्रता R2 तथा उत्पादों की सांद्रता P2 हो तो अभिक्रिया का औसत वेग r(av)
-ve चिह्न यह बताता है कि अभिकारक की सांद्रता समय के साथ कम हो रही है।
2.तात्क्षणिक वेग – यदि अभिक्रिया के वेग को एक विशेष क्षण पर ज्ञात किया जाये तो इसे तात्क्षणिक वेग कहते है अभिक्रिया के लिए अभिकारकों अथवा उत्पादों की सांद्रताओं के सापेक्ष इनमे अनंत सूक्ष्म समय में होने वाले परिवर्तन के लेकर ज्ञात करते है।
3. प्रारंभिक वेग – समय सांद्रता आलेख वक्र में t = 0 के संगत खींची गई स्पर्श रेखा का ढाल प्रारंभिक वेग कहलाता है।
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