शून्यकोटि अभिक्रिया का अर्द्धआयुकाल
शून्य कोटि की अभिक्रिया – वे रासायनिक अभिक्रियाएं जिनमे अभिकारक के किसी भी अणु की सांद्रता में परिवर्तन नहीं होता है वे शून्य कोटि की अभिक्रियाएं कहलाती है। शून्य कोटि की अभिक्रियाओं का वेग अभिकारकों की सांद्रता के शून्य घातांक के समानुपाती होता है।
समीकरण (1) को शून्य कोटि की अभिक्रिया के वेग स्थिरांक की अवकलित वेग समीकरण कहते है समीकरण (1) का समाकलन करने पर
समीकरण (3) शून्य कोटि अभिक्रिया की समाकलित वेग समीकरण कहलाती है। x व t के मध्य ग्राफ खींचने पर सीधी रेखा प्राप्त होती है शून्य कोटि की अभिक्रियाओं का वेग समय के साथ अपरिवर्तित रहता है अर्थात शून्य कोटि की अभिक्रिया का वेग नियत रहता है।
शून्य कोटि अभिक्रिया की अर्द्धआयु – वह समय जिसमें अभिकारक की आधी मात्र शेष रह जाती है वह अर्द्धआयु कहलाती है इसे t1/2 द्वारा व्यक्त करते है।अतः शून्य कोटि की अभिक्रिया की अर्द्धआयु अभिकारको की प्रारंभिक सांद्रता के समानुपाती होती है।