उपसहसंयोजक यौगिकों में समावयवता 

उपसहसंयोजक यौगिकों में समावयवता 

समावयवता – ऐसे यौगिक जिनके अणुसुत्र समान हो लेकिन भौतिक एवं रासायनिक गुणों में भिन्नता हो उन्हें समावयवी यौगिक तथा इस गुण को समावयवता कहते है।

समावयवता
समावयवता

सरंचनात्मक समावयवता

आयनन समावयवता – इस प्रकार की समावयवता में आयनों का उपसहसंयोजन क्षेत्र से आयनन क्षेत्र में तथा आयनन क्षेत्र से उपसहसंयोजन क्षेत्र में आदान प्रदान होता है इस प्रकार की समावयवता का पता मूलक परीक्षण से करते है।

    [Co(NH3)5Br]                            →                     [Co(NH3)5SO4]Br

           AgNO­­3 में मिलाने से कोई अवक्षेप नही                AgNO­­3 में मिलाने पर अवक्षेप आता है

           BaCl2 में मिलाने पर अवक्षेप आता है                    BaCl2 में मिलाने से कोई अवक्षेप नही

वे यौगिक जिनके अणुसुत्र समान हो तथा जो जलीय विलयन में भिन्न भिन्न प्रकार के आयन देते है आयनन समावयवी कहलाते है।

Q.निम्न संकुल किस प्रकार की समावयवता प्रदर्शित करते है व इसका पता कैसे लगाओगे ?

  1. [Co(NH3)2 (H2O)­2Br2]Cl                           →        [Co(NH3)2 (H2O)­2BrCl]Br

AgNO­­3 मिलाने पर AgCl का सफ़ेद अवक्षेप आता है             AgNO­­3 मिलाने पर AgBr का हल्का पीला अवक्षेप आता है

अर्थात आयनन समावयवता

  1. [Co(NH3)5(NO3) ]SO4 →          [Co(NH3)5(SO4)] NO3      
  2. [CoCl (NO2) (NH3)4]Cl →          [CoCl2(NH3)4]NO2

जलीय समावयवता यदि किसी समावयवी में जल का अणु आयनन से उपसहसंयोजन क्षेत्र में आता है तो इस प्रकार की समावयवता को जलीय समावयवता कहते है।

[Co(NH3)3Cl3] .3H2O

[Co(NH3)3(H2O)Cl2]Cl .2H2O

[Co(NH3)3(H2O)2Cl]Cl2 .H2O

बंधन समावयवता इस प्रकार की समावयवता उभय दंतुक लिगेंड व्यक्त करते है तथा इस प्रकार के समावयवियो में केवल दाता परमाणु की स्थिति परिवर्तित होती है। 

  1. [Co(NO2)2(NH3)4]Cl               →      [Co(ONO)2(NH3)4]Cl         
  2. NH4[Co(NH3)2(NCS)4]          →      NH4[Co(NH3)2(SCN)4]                  
  3. [Fe(CN)6]4-                              →       [Fe(NC)6]4-    

उपसहसंयोजन  समावयवता – इस प्रकार की समावयवता वे यौगिक दर्शाते है जिनमे एक धनायनिक व ऋणायनिक संकुल उपस्थित हो।

1.जब दोनों धातु आयन भिन्न भिन्न हो

इस प्रकार की समावयवता में दोनों धातु परमाणुओं के लिगेंडो को आपस में प्रतिस्थापित करते है।

[Cr(NH3)6][Co(CN)6]      →  [Co(NH3)6][Cr(CN)6]

[Pt(NH3)4][CuCl4]   →  [Cu(NH3)4][PtCl4]

2.जब दोनों धातु आयन समान हो

यदि दोनों धातु आयन समान हो तो उस समय केवल उतने ही लिगेंड परिवर्तित करते है जब तक की दोनों संकुल भिन्न भिन्न अवस्था में रहे। 

उदाहरण -1                                                                                                   [Pt(py)][PtCl4]

      [Pt(py)3][PtCl3(py)]

उदाहरण -2.

[Cr(NH3)6][Cr(CN)6]     

[Cr(NH3)5(CN)][Cr(CN)5(NH3)]     

[Cr(NH3)4(CN)2][Cr(CN)4(NH3)2]  

IUPAC नामकरण.

https://hi.wikipedia.org/wiki/

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