उपसहसंयोजन यौगिक त्रिविम समावयवता

उपसहसंयोजन यौगिक त्रिविम समावयवता

उपसहसंयोजन यौगिक त्रिविम समावयवता

उपसहसंयोजन संख्या चार वाले संकुलो में वर्गाकार समतलीय ज्यामिति के संकुल यौगिक ज्यामितीय समावयवता व्यक्त करते है लेकिन चतुष्फलकीय ज्यामिति के संकुल यौगिक ज्यामितीय समावयवता प्रदर्शित नही करते है क्योंकि इसमें चारो स्थितियां एक जैसी होने के कारण लिगेंड के स्थान परिवर्तन से ज्यामिति पर कोई प्रभाव नही पड़ता है।

वर्गाकार समतलीय ज्यामिति के संकुल यौगिकों में ज्यामितीय समावयवता

  • Ma2b2 प्रकार का संकुल

इस प्रकार के संकुल यौगिकों के दो ही ज्यामितीय समवयवी बनते है।

सिस (Cis – समपक्ष) – जब दो समान लिगेंड एक दूसरे के पास हो

ट्रांस (Trans – विपक्ष) – जब दो समान लिगेंड एक दूसरे के विपरीत दिशा में हो

[Pt(NH3)2Cl2] के निम्न दो समावयवी है।

सिस ट्रांस

 

 

 

 

 

  • Mabcd प्रकार का संकुल

इस प्रकार का संकुल यौगिक तीन ज्यामितीय समावयवी रूपों में पाया जाता है इसमें एक लिगेंड कों स्थिर रखकर शेष लिगेंड को बारी बारी से अन्य लिंगेंडो के विपक्ष में रखा जाता है।

[Pt(NH3)(py)(NO2)(CN)] के निम्न तीन समावयवी है

3 isomer

अष्टफलकीय ज्यामिति के संकुल यौगिकों में ज्यामितीय समावयवता

समन्वय संख्या छः वाले संकुल यौगिक अष्टफलकीय ज्यामिति दर्शाते है तथा इनमे 3 स्थितिया विपक्ष(trans)  तथा 12 स्थितिया समपक्ष (cis) होती है तथा ज्यामितीय समावयवी बनाते समय किसी एक स्थिति को स्थिर रखकर उसके सापेक्ष अन्य को परिवर्तित करते है।

Cis = (1,2),(1,3),(1,4),(1,5),(2,3), (2,5),(2,6),(3,4),(3,6),(4,5),(4,6),(5,6) = 12

Trans =(1,6),(2,4),(3,5) = 3cis and trans

  • Ma4b2 प्रकार का संकुल

[Co(NH3)4Cl2]+ के निम्न दो समावयवी संभव है

cis trans

 

 

 

 

 

 

 

 

  • Ma3b3 प्रकार का संकुल

इस प्रकार के संकुल यौगिकों में दो प्रकार के समावयवी पाए जाते है।

[Co(NH3)3Cl3]

फलक समावयवी (facial) – यदि समान लिगेंड 1,2,3 स्थिति पर जुड़े हुए हो।

रेखाशिंक समावयवी (meridional)  – यदि समान लिगेंड 1,2,6 स्थिति पर जुड़े हुए हो तो उसे रेखाशिंक समावयवी कहते है।

fac isomer mer isomer

 

 

 

 

 

 

              फलक(fac) समावयवी                                                                                                                                                            रेखाशिंक(mer) समावयवी

  • M(AA)a2 या M(AA)b2 प्रकार का संकुल

[Co(en)2Cl2]+

cis and trans

ध्रुवण समावयवता

ध्रुवण समावयवी एक दुसरे के दर्पण प्रतिबिम्ब होते है जिन्हें एक दुसरे पर अध्यारोपित नही किया जा सकता है इन्हें प्रतिबिम्ब रूप कहते है ये समावयवी दो प्रकार के होते है।

  1. दक्षिण ध्रुवण घूर्णन यौगिक (d-विन्यास)
  2. वाम ध्रुवण घूर्णन यौगिक (l-विन्यास)

ध्रुवण समावयवता के लिए आवश्यक शर्ते

  • संकुल यौगिक Cis होना चाहिए
  • संकुल यौगिक असममित या ध्रुवण घूर्णक होना चाहिए

 

  • [M(AA)2a2] प्रकार के संकुल यौगिक

[Co(en)2Cl2]+

d and l

  • [M(AA)3] प्रकार के संकुल यौगिक

[Co(en)3]3+

d and l

उपसहसंयोजन यौगिक त्रिविम समावयवता


https://hi.wikipedia.org/wiki/


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2 Comments

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  • 0 / 10
  • Suman kumari , 28/06/2022 @ 5:27 अपराह्न

    आपके बनाए नोट्स सच में सर सुन्दर व सरल भाषा में है
    ????

  • Vidya sarwa , 14/06/2023 @ 9:03 पूर्वाह्न

    Superb notes

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