लवण एवं उनके प्रकार

लवण एवं उनके प्रकार

लवण एवं उनके प्रकार

वे यौगिक जिनमें केंद्रीय धातु प्रमाण या आयन या उदासीन अणुओ के साथ उपसहसंयोजक बंध द्वारा बंधित होते हैं उपसहसंयोजक यौगिक कहलाते हैं।

अकार्बनिक लवणों को मुख्यतः तीन श्रेणियों में विभक्त किया गया है।

  1. साधारण लवण

यह अम्ल व क्षार की उदासीनीकरण अभिक्रिया के फलस्वरूप बनते हैं तथा ये केवल ठोस अवस्था में स्थाई होते हैं जल अथवा किसी विलायक में विलेय करने पर ये पूर्णतया अपने आयनों में परिवर्तित हो जाते हैं तथा प्रत्येक आयन अपना मूलक परीक्षण देता है।

HCl + NaOH  → NaCl + H2O

3H2SO4 + 2Al(OH)3 → Al2(SO4)3 + 6H2O

H2CO3 + 2NaOH → Na2CO3 + H2O

इन लवणों को जल या किसी विलायक में विलेय करने पर ये व्यक्तिगत आयनों के परीक्षण देते हैं।

NaCl → Na+ + Cl

Al2(SO4)3 → 2Al3+ + 3SO42-

Na2CO3 → 2Na+ + CO32-

  1. द्विक लवण

ये दो साधारण लवणों के योग से बनते हैं तथा ये केवल ठोस अवस्था में ही स्थाई रहते हैं जल या किसी विलायक में विलेय करने पर ये अपने आयनों में परिवर्तित हो जाते हैं तथा प्रत्येक आयन अपना मूलक परीक्षण देता है।

कार्नेलाइट – KCl.MgCl2.6H2O

फिटकरी – K2SO4.Al2(SO4)3.24H2O

मोहर लवण – FeSO4.(NH4)2SO4.6H2O

  1. संकुल यौगिक

यह यौगिक दोनों अवस्थाओं ठोस व द्रव में स्थाई होते हैं तथा इन्हें किसी विलायक में विलेय करने पर यह पूर्णतया अपने आयनों में विभक्त नहीं होते हैं संकुल क्षेत्र में उपस्थित धातु परमाणु या आयन या लिगेंड अपना मूलक परीक्षण नहीं देते हैं।

K4[Fe(CN)6]

K4[Fe(CN)6]  → 4K+ + [Fe(CN)6]4-

K3[Fe(CN)6

K3[Fe(CN)6]  → 3K+ + [Fe(CN)6]3-

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2 Comments

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  • 0 / 10
  • Chetan , 29/05/2022 @ 6:33 अपराह्न

    Very Good

  • Aryan , 29/05/2022 @ 6:33 अपराह्न

    Good job

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