धातु कार्बोनिल में आबंधन
ये होमोलेप्टिक प्रकार के संकुल है तथा इनमें धातु की ऑक्सीकरण अवस्था शून्य होती है ।
[NI(CO)4] [Fe(CO)5] [Cr(CO)6]
चतुष्फलकीय त्रिकोणीय द्विपिरेमीड अष्टफलकीय
[Mn2(CO)10] [Co2(CO)8]
धातु कार्बोनिल में σ व π दोनों बंधो के गुण पाये जाते है इसमें धातु के d कक्षक के साथ CO के p कक्षक के साथ dπ – pπ बन्ध बनता है ।
उपसहसंयोजन यौगिकों का महत्त्व
- जल की कठोरता का आकलन Na2EDTA के साथ अनुमापन द्वारा किया जाता है। Ca2+ व Mg2+ EDTA के साथ स्थाई संकुल बनाते है।
- सिल्वर तथा गोल्ड का निष्कर्षण संकुल यौगिकों से ही किया जाता है।
- धातुओं का शुद्धिकरण उनके संकुल बनाकर । उदाहरण – निकल धातु के शुद्धिकरण में मांड प्रक्रम में [Ni(CO)4]
- प्रकाश संश्लेषण के उतरदायी क्लोरोफिल मैग्नीशियम का संकुल है।
- हीमोग्लोबिन आयरन का संकुल है।
- विटामिन B12 सायनोकोबालेमिन प्रतिप्रणाली अरक्तता कारक कोबाल्ट का संकुल है।
- रोडीयम संकुल [Ph3P)3RhCl] विल्किनसन उत्प्रेरक है जो एल्किन के हाइड्रोजनिकरण में उपयोग होता है।
- वस्तुओं पर सिल्वर और गोल्ड का विद्युत लेपन करने में ।
- ट्यूमर वृद्धि (केंसर) कों रोकने में सिस प्लाटिन [Pt(NH3)2(Cl2] का उपयोग ।
- EDTA को लेड के जहरीलेपन को दूर करने में किया जाता है।
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