उपसहसंयोजन यौगिकों में आबंधन

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संयोजकता बंध सिद्धांत (VBT)  –  प्रतिपादनकर्ता पोलिंग

यह सिद्धांत संकुलो की ज्यामिति तथा उसके चुम्बकीय गुणों की व्याख्या करता है।

  1. संक्रमण धातु अपनी ऑक्सीकरण अवस्था के अनुसार इलेक्ट्रॉन त्याग कर धनायन में परिवर्तित हो जाता है धातु आयन लिगेंड से अपनी उपसहसंयोजन संख्या के बराबर इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण करने के लिए रिक्त d कक्षक उपलब्ध करवाता है इन रिक्त d – कक्षकों के आधार पर जो कक्षक इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण करते है संकरण का निर्धारण करते है।
  2. यदि संकरण की प्रक्रिया में आंतरिक d – कक्षक भाग लेते है तो उसे निम्न चक्रण संकुल कहते है इन यौगिकों के चुम्बकीय आघूर्ण का मान कम होता है।
  3. जिन संकुलो में बाह्यतम d – कक्षक संकरण में भाग लेते है तो उसे उच्च चक्रण संकुल कहते है इन यौगिकों के चुम्बकीय आघूर्ण का मान ज्यादा होता है।
  4. जिन संकुलो में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते है वे अनुचुम्बकीय प्रकृति के होते है तथा जिनमें अयुग्मित इलेक्ट्रॉन नही होते है वे प्रतिचुम्बकीय प्रकृति के होते है।
  5. संकुल बनाने की प्रक्रिया में सर्वप्रथम लिगेंड धातु आयन के रिक्त कक्षकों में इलेक्ट्रॉन युग्म प्रदान कर सिग्मा बंध बनाते है।

प्रबल क्षेत्र लिगेंडवे लिगेंड जिनके कारण संकुल निर्माण में आंतरिक d – कक्षक भाग लेते है तथा जिनमे इलेक्ट्रॉन कों युग्मित करने की प्रवृति होती है प्रबल क्षेत्र लिगेंड कहलाते है

  1. इन लिगेंडो के कारण निम्न चक्रण संकुल बनते है।
  2. इन संकुलो के चुम्बकीय आघूर्ण का मान कम होता है।
  3. इन संकुलो के लिए क्रिस्टल क्षेत्र स्थाईकरण ऊर्जा(CFSE) का मान अधिक होता है।

CO > CN > NO2> bipy > NH3 > py > NCS

दुर्बल क्षेत्र लिगेंड वे लिगेंड जिनके कारण संकुल निर्माण में बाह्य d – कक्षक भाग लेते है तथा जिनमे इलेक्ट्रॉन को युग्मित करने की प्रवृति नही होती है दुर्बल क्षेत्र लिगेंड कहलाते है

  1. इन लिगेंडो के कारण उच्च चक्रण संकुल बनते है।
  2. इन संकुलो के चुम्बकीय आघूर्ण का मान अधिक होता है।
  3. इन संकुलो के लिए क्रिस्टल क्षेत्र स्थाईकरण ऊर्जा(CFSE) का मान कम होता है।

H2O > C2O22- > OH > F > Cl > Br > I

संयोजकता बंध सिद्धांत

संयोजकता बंध सिद्धांत

VBT की सीमाएं – 

  1. VBT केन्द्रीय धातु परमाणु कों महत्त्व देता है न की लिगेंड कों जबकि संकुल के बनने में लिगेंड का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
  2. VBT संकुलो के रंग एवं स्पेक्ट्रा की व्याख्या नही करता है।
  3. VBT प्रबल क्षेत्र के लिगेंड तथा दुर्बल क्षेत्र के लिगेंड की कोई व्याख्या नही करता है।
  4. VBT संकुलों के उष्मागतिक स्थाइत्व की व्याख्या नही करता है।
  5. VBT उच्च चक्रण संकुल तथा निम्न चक्रण संकुल की कोई व्याख्या नही करता है।

उपसहसंयोजन यौगिकों में आबंधन


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