अनादर्श विलयन

अनादर्श विलयन

अनादर्श विलयन (राउल्ट के नियम से विचलन)

ऐसे विलयन जो सभी सांद्रताओं पर राउल्ट के नियम की पालना नहीं करते है जिनके लिए ΔH एवं ΔV का मान शून्य नहीं होता है अनादर्श विलयन  कहलाते है।ऐसे विलयन राउल्ट के नियम से धनात्मक (+ve) और ऋणात्मक (-ve) विचलन दर्शाते  है।

राउल्ट के नियम से धनात्मक (+ve) विचलन

यदि दो अवयवों को मिलाकर विलयन बनाने पर कुल वाष्प दाब पहले से अधिक हो जाता है तो इसे राउल्ट के नियम से धनात्मक (+ve) विचलन कहते हैं। माना घटक A एवं B को मिलाकर विलयन बनाया जाता है शुद्ध घटक A के कणों के बीच में अन्योन्य क्रियाएं A–A प्रकार की होगी शुद्ध घटक के कणों के बीच में B–B प्रकार की अन्योन्य क्रियाएं होगी जब दोनों को मिलाकर विलयन बनाएंगे तो विलयन में A–B प्रकार की अन्योन्य क्रियाएं भी उपस्थित होगी अब यदि A–B प्रकार की अन्योन्य क्रियाएं में कम आकर्षण बल हो तो विलयन में प्रत्येक अवयव या घटक का वाष्प दाब बढ़ जाता है अतः विलयन का कुल वाष्प दाब भी बढ़ जाएगा।

ptotal > pA + pBअनादर्श विलयन

उदाहरण –

  1. Ether + Acetone
  2. Ethanole + Water

राउल्ट के नियम से ऋणात्मक (-ve) विचलन

यदि दो अवयवों को मिलाकर विलयन बनाने पर कुल वाष्प दाब पहले से कम हो जाता है तो इसे राउल्ट के नियम से ऋणात्मक (-ve) विचलन कहते हैं।माना घटक A एवं B को मिलाकर विलयन बनाया जाता है शुद्ध घटक A के कणों के बीच में अन्योन्य क्रियाएं A–A प्रकार की होगी शुद्ध घटक के कणों के बीच में B–B प्रकार की अन्योन्य क्रियाएं होगी जब दोनों को मिलाकर विलयन बनाएंगे तो विलयन में A–B प्रकार की अन्योन्य क्रियाएं भी उपस्थित होगी अब यदि A–B प्रकार की अन्योन्य क्रियाएं में A–A तथा B–B प्रकार के आकर्षण से अधिक हो तो विलयन में प्रत्येक अवयव या घटक का वाष्प दाब कम हो जाता है अतः विलयन का कुल वाष्प दाब भी कम हो जाएगा।ऋणात्मक विचलन

उदाहरण –  Acetone + CHCl  ,Phenole + Aniline  , Acetone + Aniline , Benzene + CHCl3 , HCl+ H2 , HNO3 + H2O  , H2SO4 + H2O

फिनॉल व एनीलिन का विलयन फिनॉलिक प्रोटोन व एनीलिन के नाइट्रोजन पर उपस्थित अयुग्मित इलेक्ट्रॉन युग्म के कारण दोनों अणुओं के H – मध्य बंध बनता है।

स्थिर क़्वाथी मिश्रण

ऐसे विलयन जिसमें उपस्थित अवयव समान पर ही उबलते है तथा जिनके लिए द्रव प्रावस्था का संघनन सामान होता है उन्हें स्थिर क़्वाथी विलयन कहा जाता है ऐसे विलयनों में उपस्थित अवयवों को प्रभाजी आसवन से अलग अलग नहीं कर सकते

स्थिर क़्वाथी विलयन के प्रकार

      1.न्यूनतम स्थिर क़्वाथी विलयन – ऐसे विलयन जो के राउल्ट नियम से अत्यधिक धनात्मक (+ve) विचलन दर्शाते है,वे सामान्य से कम क्वथनांक पर ही उबल जाते है उन्हें न्यूनतम स्थिर क़्वाथी विलयन कहा जाता है

उदाहरण – शर्करा के किण्वन से जल व एथेनॉल प्राप्त करते है तो (95% एथेनॉल + 5% जल) का संघटन प्राप्त होने पर होने पर यह न्यूनतम स्थिर क़्वाथी विलयन बन जाता है।

    2.अधिकतम स्थिर क़्वाथी विलयन – ऐसे विलयन जो राउल्ट के नियम से अत्यधिक ऋणात्मक (-ve) विचलन दर्शाते है,सामान्य से अधिक क्वथनांक पर उबलते है इन्हें अधिकतम स्थिर क़्वाथी विलयन कहा जाता है

उदाहरण – (68% HNO3 + 32% H2O)

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2 Comments

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  • 0 / 10
  • Jitin Kumar , 29/12/2021 @ 12:35 पूर्वाह्न

    Great Work

  • Suman kumari , 31/05/2022 @ 7:13 पूर्वाह्न

    Thank You Sir?

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