धातुओं के अयस्क
तत्वों के निष्कर्षण के सिद्धांत एवं प्रक्रम
धातुकर्म के लिए प्रवाह आरेख
अयस्क | |
1.द्रवीय चालित धावन | 2.चुम्बकीय पृथक्करण |
3.झाग प्लवन विधि | 4.निक्षालन |
सांद्रित अयस्क | |
1.भर्जन | 2.निस्तापन |
अपचयन प्रक्रम | |
1.विद्युत अपघटन | 2.स्वतः अपचयन |
3.रासायनिक अपचयन | 4.विस्थापन अपचयन |
परिष्करण (शुद्धिकरण) | |
1.आसवन |
2.द्रवण |
3.विद्युत अपघटन | 4.मंडल परिष्करण |
5.मांड परिष्करण | 6.वैन ओर्केल प्रक्रम |
अत्यंत शुद्ध धातु |
परिचय:- कुछ तत्वों जैसे- C, Au, Pt प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाए जाते हैं लेकिन अधिकांश तत्व भूगर्भ में यौगिकों के रूप में पाए जाते हैं जिनसे विशेष प्रक्रमो के द्वारा शुद्ध तत्वों को प्राप्त किया जाता है ।
खनिज:- “भूगर्भ से खोदकर निकाले जाने वाली सभी पदार्थों को खनिज कहते हैं”
अयस्क:- “ऐसे खनिज जिनसे तत्व का व्यवसायिक निष्कर्षण किया जा सके अयस्क कहलाते है”
अथवा
“वह खनिज जिनसे तत्व आसानी से प्राप्त किए जा सकते है”
“अतः सभी अयस्क खनिज है परंतु सभी खनिज अयस्क नहीं “
धातुकर्म :-“किसी अयस्क से शद्ध धात प्राप्त करने की समस्त विधि को धातुकर्म कहते हैं ।
एल्युमिनियम, आयरन, कॉपर और जिंक के प्रमख अयस्क
क्र.स. | एल्युमिनियम | आयरन | कॉपर | जिंक |
1 | बॉक्साइट Al2O3.xH2O | हेमेटाइट Fe2O3 | कॉपर पाइराइटिंज CuFeS2 | जिंक ब्लेंड ZnS |
2 | केयोलीनाइट Al2O3.SiO2.2H2O
(चाइना क्ले = एक प्रकार की चिकनी मिट्टी) |
मैग्नेटाइट Fe3O4 |
क्युप्राइट(रूबी कॉपर) Cu2O |
जिंकाइट ZnO |
3 | क्रायोलाइट Na3AlF6 | सिडेराइट FeCO3 | मेलेकाइट CuCO3.Cu(OH)2 | केलामीन ZnCO3 |
4 | आयरनपाइराइटिंज FeS2 | कॉपर ग्लांस Cu2S |
धातुओं के अयस्क
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