अणु संख्यक गुणधर्म
किसी विलयन के ऐसे गुणधर्म जो विलेय और विलायक के प्रकृति पर निर्भर नहीं करते बल्कि विलयन में उपस्थित विलेय के कणों की संख्या के अनुपात पर निर्भर करते है वे अणु संख्यक गुणधर्म कहलाते है।
इन गुणधर्मो के आधार पर शुद्ध द्रव विलायक में मिलाये गए अवाष्पशील विलेय पदार्थ का मोलर द्रव्यमान ज्ञात किया जाता है।
1.वाष्पदाब में आपेक्षिक अवनमन
2.क्वथनांक में उन्नयन
3.हिमांक में अवनमन
4.परासरण एवं परासरण दाब
1. वाष्पदाब में आपेक्षिक अवनमन
शुद्ध विलायक का वाष्पदाब निश्चित ताप पर अधिकतम होता है जब इसमें थोड़ी सी मात्रा में अवाष्पशील विलेय पदार्थ मिला दिया जाता है तब इसके वाष्पदाब में कमी आती है जिसे वाष्पदाब में अवनमन कहते है वाष्पदाब में अवनमन तथा शुद्ध विलायक के वाष्पदाब के अनुपात को वाष्पदाब में आपेक्षिक अवनमन कहते है।
वाष्पदाब में अवनमन तथा शुद्ध विलायक के वाष्पदाब के अनुपात को वाष्पदाब में आपेक्षिक अवनमन कहते है।
माना M1 मोलर द्रव्यमान वाले शुद्ध विलायक की w1 ग्राम मात्रा में M2 मोलर द्रव्यमान वाले अवाष्पशील विलेय की w2 ग्राम मात्रा मिलकर विलयन बनाया जाता है तो राउल्ट के नियम से विलयन में विलायक का वाष्पदाब
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