संकुल यौगिकों का बनना

संकुल यौगिकों का बनना ,उत्प्रेरकीय गुण ,अंतराकाशी यौगिकों का बनना ,मिश्र धातुओं का बनना

9. संकुल यौगिकों का बनना

संक्रमण तत्त्व अनेक संकुल यौगिकों का निर्माण करते है जैसे – [Fe(CN)6]3-,  [Fe(CN)6]4- , [Cu(NH3)6]2+

संकुल यौगिक बनने का निम्न कारण है ।

  1. धातु आयन का छोटा आकार
  2. धातु आयन पर उच्च आयनिक आवेश
  3. आबन्धो के बनने के लिए d- कक्षक की उपलब्धता

10.उत्प्रेरकीय गुण

संक्रमण धातुएं तथा उनके यौगिक उत्प्रेरकीय गुण प्रदर्शित करते हैं क्योंकि संक्रमण धातुएं परिवर्तनशील संयोजकता प्रदर्शित करती हैं तथा संकुल यौगिक बनाती है जैसे – संपर्क विधि द्वारा H2SO4 के निर्माण में V2O5 का उपयोग किया जाता है उत्प्रेरक के ठोस पृष्ठ पर अभिकारक के अणुओं तथा उत्प्रेरक की सतह के परमाणुओं  के मध्य आबंध बनते हैं आबंध बनाने के लिए प्रथम संक्रमण श्रेणी की धातुएं 3d एवं 4s इलेक्ट्रॉन का उपयोग करती है इससे उत्प्रेरक की सतह पर अभिकारको की सांद्रता में वृद्धि होती है तथा अभिकारक के अणुओं में उपस्थित बंध दुर्बल हो जाते हैं इससे सक्रियण ऊर्जा का मान घट जाता है व अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है ।

ऑक्सीकरण अवस्था में परिवर्तन के कारण संक्रमण तत्व  प्रभावी उत्प्रेरक होते हैं ।

Fe(III) की उपस्थिति मे आयोडाइड आयन व सल्फेट के बीच संपन्न होने वाली अभिक्रिया को प्रेरित करता है ।

2I + S2O82- → I2 + 2SO42-

इस अभिक्रिया का स्पष्टीकरण निम्न प्रकार है ।

2Fe+++ + 2I →2Fe++ + I2

2Fe++ + S2O82- →2Fe+++ + 2SO42-

11. अंतराकाशी यौगिकों का बनना

                          संक्रमण धातुएं बहुत से अंतराकाशी यौगिकों का निर्माण करती है क्योंकि छोटे आकार के परमाणु जैसे H , C या N आदि इनके क्रिस्टल जालक में उपस्थित अंतराकाशो में स्थान ग्रहण कर लेते हैं ये यौगिक सामान्यतः अरससमीकरणमिति होते हैं अंतराकाशी यौगिक आयनिक , सहसंयोजी नहीं होते हैं ।

जैसे  – TiO , Mn4N ,Fe3H ,VH0.50 , TiH1.7 आदि

अंतरा काशी यौगिकों में धातुओं की कोई सामान्य ऑक्सीकरण अवस्था नहीं होती है अंतरकाशी यौगिकों के गुण निम्न होते हैं ।

  1. अंतरकाशी यौगिको के गलनांक शुद्ध धातुओं से भी अधिक होते हैं ।
  2. यह अति कठोर होते है कुछ बोराइड की कठोरता हीरे की कठोरता के समान होती है ।
  3. इन यौगिकों की धात्विक चालकता सुरक्षित रहती है ।
  4. रासायनिक रूप से अंतरकाशी यौगिक निष्क्रिय होते हैं ।

12. मिश्र धातुओं का बनना

 d – ब्लॉक के तत्वों के परमाण्विक आकार लगभग समान होते हैं इसलिए एक तत्व की क्रिस्टल जालक में उस तत्व की स्थिति दूसरे तत्व के द्वारा प्रतिस्थापित हो सकती है इस प्रकार बहुत सी मिश्र धातुओं का निर्माण होता है मिश्र धातुएं विभिन्न धातुओं का मिश्रण होती है जो धातुओं के मिश्रण से प्राप्त होती है मिश्र धातुएं कठोर तथा इनके गलनांक उच्च होते हैं स्टील एक मिश्र धातु है V ,Cr ,Ni , W ,Mn आदि धातु का उपयोग करके स्टील तथा स्टेनलेस के उत्पादन में किया जाता है संक्रमण धातुएं तथा असंक्रमण धातुओं के संयोग से प्राप्त धातुएं औद्योगिक महत्व की होती है ।

जैसे – पीतल (Cu+Zn) , कांसा (Cu+Sn) ,गन मेटल  (Cu+Zn+Sn)

https://hi.wikipedia.org/wiki/

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4 Comments

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  • 0 / 10
  • Maya , 15/01/2022 @ 7:42 अपराह्न

    Good notes

  • Renu , 11/06/2022 @ 10:49 पूर्वाह्न

    ??

  • Sonu , 11/06/2022 @ 5:32 अपराह्न

    Thanks so much sir ji

  • Suman kumari , 11/06/2022 @ 10:41 अपराह्न

    सुन्दर, सटीक व सरल भाषा में नोट्स ??

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