अधिशोषण के अनुप्रयोग
अधिशोषण के अनुप्रयोग
- उच्च कोटि का निर्वात उत्पन्न करने में – निर्वातीत नली में से वायु को निर्वातीत पंप के द्वारा निकाले जाने के पश्चात बहुत कम मात्रा में बची वायु को चारकोल जैसे अधिशोषक की सहायता से अधिशोषित करके उच्च निर्वात उत्पन्न किया जाता है।
- गैस मास्क में – खानों में काम करने वालेखनिक गैस मास्क पहनते हैं इस मास्क में चारकोल तथा अन्य अधिशोषक का उपयोग करते हैं जो खनन के द्वारा निकली विषैली गैसों का अधिशोषण कर लेते हैं।
- विलयन से रंगीन पदार्थ हटाने में – जंतु चारकोल द्वारा रंगीन पदार्थों का अधिशोषण कर लिया जाता है।
- औषधीय क्षेत्र में – कई ओषधियाँ कीटाणुओं को उनके जीव द्रव्य का अधिशोषण करके मारती है और इसी आधार पर काम करती है ।
- वर्ण लेखिकी प्रक्रम में – अधिशोषण की क्रिया के आधार पर एक ही विलयन में उपस्थित रंगों को अलग अलग किया जाता है इस प्रकरण को वर्ण लेखिकी या क्रोमेटोग्राफी कहा जाता है।
- झाग प्लवनप्रक्रम में – झाग प्लवन प्रक्रम में सल्फाइड अयस्क के कणों को अधात्री से दूर किया जाता है।
- आद्रता नियंत्रण में – आद्रता के नियंत्रण में सिलिका जेल या एलुमिना जेल जैसे अधिशोषको का उपयोग आद्रता नियंत्रण करने में किया जाता है।
- अक्रिय गैसों के पृथक्करण में
उत्प्रेरण
“किसी रासायनिक क्रिया के उत्प्रेरित होने की क्रिया को उत्प्रेरण कहा जाता है”
ऐसे रासायनिक पदार्थ जो अभिक्रिया के वेग को बढ़ाते हैं लेकिन उनके स्वयं के द्रव्यमान व रासायनिक संगठन में कोई परिवर्तन नहीं होता है वे उत्प्रेरक कहलाते हैं।यह अभिक्रिया उच्च ताप पर संपन्न होती है लेकिन यदि मिला दिया जाए तो यह कम ताप पर ही संपन्न हो जाती है।
उत्प्रेरक वर्धक वे पदार्थ जो उत्प्रेरक की सक्रियता को बढ़ा देते हैं। (हेबर प्रक्रम)
उत्प्रेरक विष वे पदार्थ जो उत्प्रेरक की सक्रियता को कम कर देते हैं।
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