नाइट्रोजन के ऑक्साइड

नाइट्रोजन के ऑक्साइड

नाइट्रोजन के ऑक्साइड

  1. N2O (ऑक्सीकरण अंक = +1) डाई नाइट्रोजन ऑक्साइड

विधि – NH4NO3 → N2O + 2H2O

नाइट्रोजन के ऑक्साइड

  1. NO (ऑक्सीकरण अंक = +2) नाइट्रोजन मोनो ऑक्साइड

विधि – 2NaNO2 + 2FeSO4 + 3H2SO4 → Fe­2(SO4)3 + 2NaHSO4 + 2NO + 2H2O

नाइट्रोजन के ऑक्साइड

अयुग्मित इलेक्ट्रॉन गतिशील – अनुचुम्बकीय

  1. N2O3 (ऑक्सीकरण अंक = +3) डाई नाइट्रोजन ट्राईऑक्साइड

विधि – 2NO + N2O4 → 2N2O3 (तापमान – 250 k)

नाइट्रोजन के ऑक्साइड

  1. NO2 (ऑक्सीकरण अंक = +4) नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड

विधि – 2Pb(NO3)2 → 4NO2 + 2PbO +O2

नाइट्रोजन के ऑक्साइड

NO2 का द्वितयिकरण – NO2 में संयोजकता इलेक्ट्रॉन विषम संख्या में होते है इसमें अष्टक नियम असफल रहता है द्वितयन होने पर यह N2O4 अणु में बदल जाता है व इसमें अष्टक नियम का पालन होता है।

2NO2 (गैस) → N2O4 (ठोस)  (ठंडा करने पर)

  1. N2O4 (ऑक्सीकरण अंक = +4) डाई नाइट्रोजन टेट्रा ऑक्साइड

विधि – 2NO2 (गैस) → N2O4 (ठोस)  (ठंडा करने पर)

नाइट्रोजन के ऑक्साइड

  1. N2O5 (ऑक्सीकरण अंक = +5) डाई नाइट्रोजन पेन्टा ऑक्साइड

विधि – 4HNO3 +P4O10 → 4HPO3 + 2N2O5

नाइट्रोजन के ऑक्साइड

फोस्फोरस के अपररूप

श्वेत फोस्फोरस लाल फोस्फोरस काला फोस्फोरस
 

 

 

 

 

श्वेत मोमी पारभासी ठोस

विषैला

जल में अविलेय  , CS2 में विलेय

चतुष्फलकीय P4 इकाइयां

600 बंध कोण होने की वजह से वलय में अधिक तनाव अतः कम स्थाई व अति क्रियाशील

लहसून जैसी गंध व हवा में आग पकड़ लेता है व P4O10 का सफ़ेद धुंआ देता है

P4 + 5O2 → P4O10

यह फोस्फोरस अँधेरे में चमकता है तथा इस फोस्फोरस कों जल में रखा जाता है

लोहे जैसी धूसर चमक

अविषैला

जल में अविलेय  , CS2 में अविलेय

चतुष्फलकीय P4 श्रंखलाबद्ध

बंध कोण 1000 होने के कारण सफ़ेद Pकी तुलना में अधिक स्थाई तथा कम क्रियाशील

कोई गंध नही

श्वेत फोस्फोरस कों 573 k ताप पर कई दिनों तक गर्म करने से लाल फोस्फोरस बनता है

अपारदर्शी ठोस

अविषैला

जल में अविलेय  , CS2 में अविलेय

परतदार सरंचना

यह अधिक स्थाई व कम क्रियाशील होता है

कोई गंध नही

दो अपररूप α व β

नाइट्रोजन के ऑक्साइड

 

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